कौन है #Rinku Singh ? जानिए 5 छक्के मारकर सनसनी बने रिंकू की कहानी। #KKRvGT
जिसने 1,2,3,4 नहीं बल्कि आखिरी ओवर में पांच छक्के मैदान में मौजूद सभी लोगों को खड़े होकर ताली बजाने को मजबूर कर दिया। वो रिंकू सिंह जिसकी कहानी आपके रोंगटे खड़े कर देगी पूरा नाम रिंकू कांचन सिंह उम्र 25 साल जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में। लेकिन आज सिक्सर किंग बनने से आज शाहरुख खान या ब्रैंडन मैकुलम, सहवाग या दुनिया भर में टॉप ट्रेंड करने से पहले रिंकू की पहचान ये नहीं थी । रिंकू की पहचान थी की ये वो रिंकू है जिसके पिता सिलिंडर ढोते हैं। यहाँ से वहाँ तक जिसका भाई ऑटो चलाता है। जो नौवीं फेल हैं। वो जो अपने परिवार के गरीबी देखते हुए अंडर 19 क्रिकेट जब खेल रहा था तो नौकरी की तलाश में लोगों के घर झाड़ू पोछा लगाने पहुँच गया, कुछ दिन झाड़ू पोछा लगाया। वो रिंकू सिंह जिसपर बीसीसीआई ने तीन महीने का बैन लगा दिया था क्योंकि घर में पैसे थे नहीं और बाहर एक टूर्नामेंट खेलने चले गए। बीसीसीआई ने तीन महीने का बैन लगा । वो रिंकू सिंह जिससे जब पहली बार पैसा मिला आइपीएल में तो उसने कहा कि इतने पैसे करेंगे तो हमने देखा ही नहीं है। सोचा नहीं था कि भगवान इतना मेहरबान होंगे लेकिन वक्त बदला और आज रिंकू सिंह चर्चा के केंद्र में है।
रिंकू सिंह कौन है ? कौन हैं रिंकू सिंह ?
रिंकू सिंह वो खिलाड़ी हैं जिसने जब पांच छक्के मारे तो पूरा स्टेडियम उसके लिए खड़ा हो गया था। ट्विटर से लेकर फेसबुक, इंस्टाग्राम पर सिर्फ एक आदमी ट्रेंड कर रहा था। ये इसकी काबिलियत का दुनिया लोहा मान रही थी। ज़बरदस्त खिलाड़ी, जबरदस्त जज्बा और वो दिखाई पड़ा लेकिन रिंकू सिंह की पहचान हमेशा से इस फाइटर की नहीं रही हैं। रिंकू सिंह की कई पहचाने रहे हैं। मसलन ना वो लड़का जिसके पिता घर घर जाकर सिलिंडर हुआ करते थे वो लड़का जो उसका भाई ऑटो रिक्शा चलाता। वो रिंकू सिंह जिससे क्रिकेट खेलने पर उसके पिता कायदे से कूट दिया करते थे की कुछ काम धंधा कर लो। वो रिंकू सिंह जो पांच भाई बहनों में तीन नंबर पर है और परिवार में गरीबी एक दौर में इस हद तक आ गई। कि रिंकू सिंह को नौकरी ढूंढनी पड़ी और क्योंकि वो बारहवीं भी पास नहीं है, लिहाजा उन्होंने झाडू पोछे का काम शुरू कर दिया। झाड़ू पोछा काफी दिन किया लेकिन फिर लगा यार ये होने वाला नहीं है। अपने दम पे कुछ करते हैं और क्रिकेट खेलना शुरू किया। दिल्ली के टूर्नमेंट में मोटरसाइकिल जीती, पिता को दी, पिता ने सपोर्ट किया और उसके बाद पंजाब किंग्स 11 ने खरीद और आगे की कहानी जो है।
अब वो दुनिया जानेगी क्योंकि नाम है रिंकू से।
रिंकूसिंह के बारे में उनके साथी खिलाड़ी बार बार ये कहते हैं कि रिंकू सिंह कभी हार नहीं मानते। उनके अंदर एक जोश है, जज्बा है, जुनून है जो उन्हें बाकी लोगों से खास बनाता। लेकिन कहानी जो हैं वो बड़ी दिलचस्प है और इस कहानी से आप प्रेरणा ले सकते हैं। जो की ये वो रिंकू सिंह हैं जिनके आइपीएल में ऑक्शन से एक 2 साल पहले तक परिवार पर एक दो नहीं बल्कि ₹5,00,000 करता था और जैसे हमने आपको बताया की वो बारहवीं पास नहीं है, केवल नवीं फेल हैं। रिंकू सिंह आठवीं पास है और आठवीं फेल होने की वजह से झाड़ू पोछा उन्हें काम मिलता है, परिवार में वैसे नहीं होते है। तमाम हाल ही में गुजरते रहते हैं। तभी क्रिकेट उनका जो पैशन होता है वो उन्हें वही दिखता है
रिंकु सिंह को पहली बार जब ऑक्शन में खरीदा गया
रिंकु सिंह को पहली बार जब ऑक्शन में खरीदा गया ₹10,00,000 में तो बड़े खुश हुए थे। दूसरी बात जब वो ऑक्शन में गए और पंजाब ने पहली बार करता था, ₹10,00,000 में तब एक मैच खेलने का मौका मिला था। इसके बाद केकेआर ने ऑक्शन में उन्हें लिया ₹80,00,000 रिंकू सिंह कहते हैं, उस दौर में की जब ₹80,00,000 आये तो मेरा दिमाग खराब हो गया। लगा यार गुरु ये क्या है? क्योंकि मुझे लगा था कि 10,00,000 पिछली बार मिले थे। इस बार सेलेक्शन होगा तो शायद 20 मिल जाएंगे और ₹20,00,000 बहुत होते है। लेकिन जब कहा 80,00,000 मिल रहे हैं तो उन्होंने कहा मुझे समझ नहीं है इतने पैसे काम करेंगे क्या? क्योंकि हमारे पूरे खानदान में ₹80,00,000 कभी किसी ने नहीं देखे। वो कहते हैं, भावुक हो गया की भाई की शादी हो जाएगी, बहन की शादी हो जाएगी, शायद घर भी खरीद लेंगे 80,00,000 में तो क्या क्या हो जाएगा? रिंकू सिंह यूपी के अलीगढ़ के रहने वाले है। अंडर 19 में खेलते थे और कहते है की घर में पैसे नहीं हुआ करते थे। पिताजी जो है वो पांच ₹6000 कमाते थे। एक लोकल टूर्नामेंट दिल्ली में खेला जहाँ पर मैंने रन बनाए। उसके बाद एक मोटर साइकिल मिल गई। मोटरसाइकिल जब मिली तो मैं बहुत खुश हुआ। मैंने मोटर साइकल जाकर पिता जी को दे दी क्योंकि उससे पहले पिताजी मेरे क्रिकेट खेलने को अच्छा काम नहीं मानते तो उन्हें लगता था की अगर मैं भी थोड़ा कमाऊंगा तो परिवार में योगदान कर सकता हूँ। लेकिन मोटरसाइकिल जब मिली तो उनकी जिंदगी काफी आसान हो गई और वो अपना सिलिंडर वाला काम जो है वो मोटरसाइकिल से करने लगे। इसके बाद वो कहते है की वक्त बुरा आ गया, परिवार पर कर्ज बढ़ गया और कर्ज की वजह से हमने तय किया कि मुझे भी नौकरी कर रही है। क्रिकेट खेलने के साथ साथ तो अंडर 19 क्रिकेट चल रहा था लेकिन नौकरी के लिए मैंने भाई से कहा वो एक जगह पर ले जाता है, झाड़ू पोछा मुझे करना होता है, कुछ दिन में करता हूँ लेकिन फिर अपनी माँ के पास आकर कहता हूँ कि मुझ पर भरोसा करो, ये काम मुझसे नहीं हो पाएगा और मैं करके दिखाऊंगा। और उसके बाद पंजाब, पंजाब से फिर केकेआर और बीते सात सालों से लगातार केकेआर उन्हें रिटेन कर रहे हैं। वो कहते है की क्या यार नहीं उनका उनके परिवार को साथ तब दिया जब जिंदगी में सबसे ज्यादा जरूरत थी और उनके दिल में हमेशा केकेआर को लेकर ये रहा कि इससे कर जो हैं वो उतारना है।
बड़े बड़े खिलाड़ी फ्लॉप चल रहे हैं। वहाँ रिंकू सिंह ने ताबड़तोड़ पारी खेली
आप कह सकते हैं कि उन्होंने एक जो है वो सूद समेत उतार दिया। बड़े बड़े खिलाड़ी फ्लॉप चल रहे हैं। वहाँ रिंकू सिंह ने ताबड़तोड़ पारी खेली। ऐसी पारी खेली जिससे कई कम से कम एक दो दशक तो याद किया जाएगा। लोग इसके बारे में चर्चा करेंगे। सीज़न दर सीज़न की हार नहीं माननी 29 रन भी बंद दरअसल केकेआर ने जब रिंकू सिंह को रिटेन किया तो रिंकू सिंह केनी में इंजरी हो जाती है और ये इंजरी थोड़ी जटिल थी। रिंकू ये कहते हैं कि मैंने केकेआर के लिए कोई ऐसी पारी नहीं खेली थी जो यादगार वाली और इस वजह से तकलीफें बढ़ रही थी। मुझे लगा कि शायद मेरी मदद नहीं होगी, लेकिन केकेआर के मैनेजमेंट ने मुझमें पूरा भरोसा जताया और वो टफ टाइम जब पैसे नहीं थे, जब मेरा भविष्य नजर नहीं आ रहा था, बल्ले से उतने रन नहीं बने थे। तब केकेआर मैनेजमेंट मुझे बै किए हुए खड़ा था और ये सारी बातें उन्होंने एक जर्नलिस्ट से इंटरव्यू के दौरान कही। वो भावुक हुए। केकेआर मैनेजमेंट की वजह से मुझे जो बैकअप मिला उसकी वजह से मेरे परिवार की स्थिति आसान हुई। मुझे क्रिकेट खेलने की छूट मिली और परफॉर्मेंस नहीं दे दिल में गिर चलता था की मैं क्या करूँगा? हालांकि इस मैच को लेकर वो कहते है की उन्हें शुरुआत में ये लगा की आज हो सकता है क्योंकि बीते सीज़न में भी लखनऊ के खिलाफ़ मैंने एक ऐसी पारी खेली थी जहाँ मैंने ताबड़तोड़ रन बनाए थे और मुझे लगा क्रिकेट में कुछ असंभव नहीं है। वैसे भी यश दयाल ने 2 दिन पहले ही कहा था की