जय हिंद दोस्तों रेलवे से संबंधित एक अपडेट है कि देखिए पहले क्या होता था एक विस्तार से बता रहा हूं पूरे पोस्ट में आप रेलवे से यात्रा करते हैं या फिर आपके परिवार के कोई लोग यात्रा करते हैं तो इस पोस्ट को आप जरूर देखेंगे अन्यथा आगे चलके आपके साथ समस्या हो सकती है आपको बड़ा से बड़ा चालान हो सकता है हालांकि ये न्यूज कई दिनों से चल रहा है लेकिन मैं सोचा कि अपने सब्सक्राइबर को भी अवगत करा दूं क्योंकि ये बहुत महत्त्वपूर्ण सूचना है आगे बढ़ने से पहले रिक्वेस्ट करूंगा देखिए होता क्या था कि पहले आप जब वेटिंग टिकट निकालते थे स्लीपर से यात्रा आप करते होंगे तो आपको पता होगा कि वेटिंग टिकट निकलता है जैसे अगर कंफर्म नहीं है तो वेटिंग टिकट निकलता है तो वेटिंग टिकट आप निकालते थे ऑनलाइन कहीं से भी निकालते थे या खुद मोबाइल से निकालते थे या किसी सीएससी सेंटर से निकालते थे साइबर कैफे से निकालते थे कहीं से भी निकालते थे तो ऑनलाइन अगर कंफर्म हो जाता था वो टिकट चार्ट बनने से पहले जैसे ट्रेन खुलने से पहले चार्ट बनता है तो चार्ट बनने से पहले अगर वो कंफर्म हो जाता था चाहे आरएससी चाहे आपका कंफर्मेशन का मिल जाता था मैसेज तो आप यात्रा कर सकते थे लेकिन अगर आपका कंफर्म नहीं होता था तो ऑटोमेटिक वह टिकट कैंसिल माना जाता था कैंसिल हो भी जाता था और आपका जो पेमेंट है वह दो से तीन दिन के अंदर आपके अकाउंट प चला जाता था जिस अकाउंट से आपने उस टिकट को काटा था तो यह ऑनलाइन का था ऑनलाइन का वेटिंग टिकट मान्य नहीं था उस परे आप यात्रा नहीं कर सकते थे लेकिन आपको बता दूं कि आप वही टिकट काउंटर से लेते थे
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रेलवे के किसी रेलवे स्टेशन के काउंटर से लेते थे टिकट तो वो कैंसिल नहीं होता था चाहे आपका आरएससी हुआ चाहे नहीं हुआ चाहे वो कंफर्म हुआ चाहे नहीं हुआ उस वेटिंग टिकट पर आप बगैर सीट के भी यात्रा कर सकते थे जो व्यक्ति कहीं पर सीट खाली रहता था तो वहां पे आप बैठ के दिन में यात्रा कर सकते थे रात में सोने के लिए आप कहीं भी फर्श प सो जाते थे और आराम से यात्रा कर लेते थे किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आती थी या फिर आप दो यात्री है तीन यात्री है पांच यात्री है दो का कंफर्म है अगर दो का वेटिंग है तो आप दो सीट पे एडजस्ट करके चार लोग पांच लोग भी यात्रा कर लेते थे लेकिन अब क्या हुआ रेलवे मंत्रालय ने बहुत बड़ा अपडेट दिया है कि अब कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का कोई भी वेटिंग टिकट पर यात्रा नहीं कर सकता है चाहे वो ऑनलाइन लिया हो चाहे वो ऑफलाइन लिया हो मतलब अगर काउंटर से भी आप वेटिंग का टिकट लेते हैं अगर वो कंफर्म नहीं होता है अगर वो कंफर्म नहीं होता है तो आपको उसे जाकर काउंटर पे कैंसिल कराना होगा वो ऑटोमेटिक कैंसिल नहीं होगा क्योंकि काउंटर से आपने लिया है वहां अकाउंट डिटेल आपने नहीं दिया है तो वहां जाकर आपको कैंसिल कराना है कैंसिल कराएंगे तो आपका पैसा रिटर्न मिल जाएगा लेकिन आपको बता दूं अगर कैंसिल नहीं कराते हैं तो एक विकल्प दिया गया है कि उस वेटिंग टिकट पे आप जनरल बोगी में यात्रा कर सकते हैं द्वितीय श्रेणी जिसे जनरल बोगी कहते हैं उसमें उस टिकट पर यात्रा कर सकते हैं लेकिन स्लीपर में आप नहीं घुस सकते अगर स्लीपर में आप घुस जाएंगे तो आपका अच्छा खासा चालान भी होगा और अब उस बोगी से उतार दिया जाएगा आप इस बात को समझिए अब उस बोगी से उतार दिया जाएगा उसमें आप या तरह नहीं कर सकते थे पहले क्या था कि बगैर टिकट भी लोग स्लीपर में घुस जाते थे टीटी आता था और क्या करता था उसका चालान बना देता था चालान काट देता था और लोग उस चालान पे स्लीपर में ही यात्रा कर लेते थे
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अब क्या है कि आपका चालान नहीं बनेगा चालान तो होगा वो पेनल्टी के तौर पे लेकिन वो चालान लेकर भी आपको जनरल में जाना पड़ेगा जनरल बोगी में और अगर वेटिंग टिकट भी है आपका स्लीपर का तो वो लेकर भी आपको जनरल बोगी में जाना पड़ेगा अगर घुस गए गलती से आप स्लीपर में तो आपका चालान भी होगा टिकट का पैसा तो आपका पहले से लगा ही हुआ है और आपको जनरल बोगी में यात्रा करना पड़ेगा तो यह चीज बहुत बड़ी अपडेट है तो इस चीज को समझिए क्योंकि बहुत सारे लोगों को शिकायत थी सरकार को शिकायत जाती है कि स्लीपर बोगी है वो भी जनरल जैसा हो गया हुआ है लोग वेटिंग टिकट कटा लेते हैं चालान कटा लेते हैं और सीधा घुस जाते हैं जो स्लीपर वाले हैं जिनका कंफर्म है उनको यात्रा करने में दिक्कत होती है उनको परेशानी होती है वो पैसा देकर भी चैन से नहीं जा पाते हैं दूसरा क्या है जो वेटिंग टिकट कटते हैं उनको भी सेम पैसा लगता है जिनका कंफर्म है वो सेम पैसा इसको भी लगता है और होता क्या है कि वेटिंग वाले इतने आ जाते हैं कि ना कंफर्म वाले सही से यात्रा कर पाते थे ना वेटिंग वाले सही से यात्रा कर पाते थे तो होता क्या है कि रेलवे मंत्रालय बहुत दिन से इस पर सर्वे करा रही थी अब उनको पता चला है कि इस तरह की समस्या हो रही है लोगों को शिकायतें आ रही है इसीलिए अब इसे बंद कर दिया गया है वेटिंग टिकट चाहे ऑनलाइन हो चाहे काउंटर का हो आप स्लीपर में उस टिकट को लेकर ना घुसे उस टिकट को लेकर आप जनरल में यात्रा कर सकते हैं अगर काउंटर का वेटिंग टिकट है जनरल में यात्रा कर सकते हैं ऑनलाइन अगर वेटिंग टिकट है तो ऑटोमेटिक कैंसिल हो जाएगा और आपके अकाउंट में पैसा चला जाएगा चार्ट बनने से पहले अगर कंफर्म हो गया ठीक है नहीं कंफर्म हुआ तो कैंसिल बना जाएगा अगर आप वीडियो यहां तक देख चुके हैं तो मैं आप लोगों से जानना चाहूंगा कि क्या यह जन हित में हुआ है क्या यह सही है या फिर गलत है सही है तो कैसे सही सही है तो एक तरह से सही है कि कंफर्म वाले आप सही से यात्रा कर पाएंगे सुकून से यात्रा कर पाएंगे अपने सीट में बैठ के यात्रा कर पाएंगे उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी अगर वो पैसा दिए है तो सही से यात्रा कर पाएंगे अगर गलत है तो क्यों गलत है तो गलत मुझे यहां पे थोड़ा ये लग रहा है कि कोई व्यक्ति इमरजेंसी में यात्रा करता था पहले जैसे इमरजेंसी में यात्रा करना पड़ता था घर जाना है कुछ जाना है टिकट नहीं मिल रहा है तो चलो चालान कटा के घुस जाता था स्लीपर में या फिर बैटिंग टिकट लेकर स्लीपर में चला जाता था लेकिन उनके लिए तो एक विकल्प है ना कि जनरल बोगी से वो यात्रा कर सकते हैं कम से कम स्लीपर वाले सेफ हो गए हुए हैं तो आप कमेंट बॉक्स में लिखें अपनी बात रखें मैं ये बता नहीं अपनी राय नहीं दे रहा हूं मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या यह सही हआ है या गलत हुआ है कि वेटिंग टिकट को बंद कर दिया गया है