ज्यादातर मेल्स की एक ही प्रॉब्लम है वह है टाइमिंग को लेके कि टाइम कैसे बढ़ाया जाए तो आज हम उसी के बारे में बात करेंगे मैं आपको दो ऐसी टेक्निक्स बताऊंगी जो कि बहुत ही ज्यादा असरदार है ठीक है तो चलिए शुरुआत करते हैं देखिए टाइम कम होने का कारण तो बहुत सारे होते हैं है लेकिन अ कुछ आप ठीक कर सकते हैं कुछ आपसे ठीक नहीं हो सकते जो कि आपको डॉक्टर की सलाह लेनी ही पड़ती है तो अगर आप ठीक कर सकते हैं कुछ हद तक कि आपकी जो सेंसिटिविटी है वह थोड़ी सी कम रहे क्योंकि मोस्टली होता यही है कि जब भी सेंसिटिविटी आपकी वहां की बढ़ जाती है वहां की जो नर्क्स होती हैं कहां की तो जो हेड वाला हिस्सा होता है मेल्स में जो उनका प्राइवेट हिस्सा है उसके हेड वाले हिस्से के ऊपर बहुत सारी नर्क्स होती हैं सबसे ज्यादा सेंसिटिव हिस्सा होता है वही लेकिन वहां अगर ना बहुत ज्यादा सेंसिटिव हो गई है तो होगा यह कि आपको बहुत ही जल्दी से जो आपका लिक्विड है व बॉडी से बाहर निकल जाएगा तो एक्चुअल में होता क्या है ना कि जब जो मेल होते हैं देखिए जब भी आप ये प्रोसेस शुरू करते हैं तो उस समय कुछ हमारे ब्रेन से ये समझिए केमिकल्स रिलीज होते हैं कि आप इस जो काम है उसको कीजिए
जल्दी झड़ने का क्या कारण है
ठीक है लेकिन उसका टाइमिंग डिसाइड करते हैं कि जब कुछ केमिकल जो निकलते हैं वो री एब्जॉर्ब हो जाते हैं उन्हीं कोशिकाओं में जब वो री एब्जॉर्ब होने में अगर टाइम लगाते हैं तो इसका मतलब है कि आप कुछ समय और कर सकते हैं उस उस प्रोसेस को और ज्यादा एंजॉय कर सकते हैं लेकिन अगर वो जो केमिकल्स जो कि ब्रेन से निकल रहे हैं वो तुरंत री एब्जॉर्ब हो जाते हैं उन कोशिकाओं में इसका मतलब है कि आपका टाइमिंग फटाफट जाने वाला है ओके तो उसी रिअब्जॉर्शन का जो प्रोसेस है उसको हमें बढ़ाना है तो वो कैसे बढ़ा सकते हैं पहला ये जब भी आपका मन करता है जब आप करते हैं अपने पार्टनर के साथ तो पहली टेक्निक है कि आप जैसे शुरुआत करते हैं कुछ लोग तो उनको ऐसा लगता है कि अब जो पीढ़ है वो निकलने वाला होता है वो उनको समझ में आ जाता है मेल्स को तो वो क्या कर सकते हैं जब भी ये फील होता है तो वो तुरंत क्या कर सकते हैं स्टॉप कर दें ठीक है जो फीमेल है उसकी बॉडी से अपना जो पार्ट है उसको बाहर निकाल लें एंड कुछ समय अपने आप को थोड़ा सा डिस्ट्रक्ट करने की कोशिश करें आप ठीक है उसके साथ आप फो प्ले कर सकते हैं या फिर थोड़ा सा आप अपने आप को भटका ले जिससे कि क्या हो कि एक बार के लिए आपका थोड़ा सा ध्यान वहां से हट जाए ठीक है अगर आप उस समय फ प्ले करते हैं तो आपकी फीमेल का टाइमिंग भी ज्यादा कम हो जाएगा तो आपके लिए और भी इजी हो जाएगा प्रोसेस क्योंकि आपका टाइमिंग तो वैसे ही कम है तो इस टेक्निक को बोलते हैं स्टार्ट एंड स्टॉप टेक्निक जब भी आपका ऐसा होता है कि अब निकलने वाला है तो तुरंत उसको बाहर निकाल लीजिए एंड देन आप थोड़ा सा समय रुक के फिर आप कर सकते हैं जिससे कि आपका जो माइंड है वो थोड़ा सा डिस्ट्रेक्ट हो जाता है एंड देन आपको थोड़ा सा टाइम आप और ले सकते हैं तो ऐसा आप बार-बार कर सकते हैं ये भी एक बहुत ही असरदार टेक्नीक है टेक्निक है और बहुत सारे कपल इसको को अपनाते हैं ठीक है
पानी जल्दी निकल जाता है उसकी दवा बताएं
इससे होगा ये कि आपके अंदर एक कॉन्फिडेंस आएगा ये नहीं फील होगा कि आपका जो बॉडी से बाहर है वो लिक्विड निकल चुका है ठीक है जो सीमन है वो निकल गया है ऐसा आपको फील नहीं होगा तो आपका कॉन्फिडेंस बूस्ट अप होगा दूसरी टेक्निक क्या है देखिए दूसरी टेक्निक जिसको हम बोलते हैं स्क्विज टेक्निक स्क्विज का मतलब होता है दबाना तो जो आपका जो हेड वाला हिस्सा है या तो आप खुद दबा सकते हैं या फिर आपकी जो फीमेल पार्टनर है वो भी उस हिस्से को दबा सकती है ठीक है थंब की हेल्प से दो फिंगर एंड थंब की हेल्प से उसको अगर आप दबाते हैं उस हद तक दबाइए जहां तक आपको थोड़ा सा फीलिंग आए कि हां ये दब रहा है लेकिन उसको बिल्कुल ये नहीं करना कि आप उसको बहुत ज्यादा दबा दें जिससे कि आपकी जो स्किन है वहां की वो हर्ट हो जाए या फिर कोई इंजरी हो जाए इतना भी नहीं करना लेकिन हां थोड़ा सा फील होना जरूरी है ताकि वहां से एक बार के लिए आपका ध्यान हट जाए ठीक है तो ये भी बहुत ही असरदार टेक्निक है अगर आप थोड़ी देर इसको दबा के रखते हैं देन आप छोड़ते हैं फिर आप अ जो आप का काम है वो कर सकते हैं तो इससे यही होगा कि आपकी जो केमिकल्स जो कि आपकी ब्रेन से निकले हैं कुछ कोशिकाओं से व जो केमिकल्स निकले हैं उनको रिअब्जॉर्ब होने में दोबारा से उसमें एब्जॉर्ब होने में टाइम लग जाएगा जिससे कि आपका टाइमिंग भी बढ़ता है यही खेल होता है ठीक है तो आशा करती हूं कि आपको समझ में आया होगा कि किस तरीके से आप खुद अपना टाइमिंग बढ़ा सकते हैं और जब आप खुद से ऐसा करते हैं ना अपने लिए तो आपको सच में कॉन्फिडेंस फील होता है अगर आप सिर्फ और सिर्फ दवाइयों के भरोसे रह रहते हैं डॉक्टर्स के भरोसे रहते हैं तो फिर आपको खुद में भी लगता है कि आप बीमार हैं ठीक है तो इससे अच्छा है