शीघ्र पतन को लेकर इंटरनेट पर बहुत सी वीडियोस बनती हैं जो कहती हैं कि नॉर्मल इजेकुलेशन का टाइमिंग 5 से 7 मिनट होना चाहिए उन्हीं में से कुछ वीडियोस बोलती हैं कि 7 से 10 मिनट होना चाहिए और कुछ वीडियोस तो नॉर्मल एजैकुलेशन की टाइमिंग को 15 मिनट तक बताती हैं यह सारी वीडियोस आपको मिसली कर रही हैं इसीलिए आज इस पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा कि नॉर्मल एजैकुलेशन टाइमिंग कितनी होती है और साथ हम यह भी जानेंगे कि पीई यानी प्रीमेच्योर इजेट लेशन किसे कहते हैं आगे इस पोस्ट में हम बात करेंगे कुछ ऐसे रिसर्च बेस्ड हर्बल एक्स्टेक्स्ट के बारे में जो आपकी प्रीमेच्योर एजैकुलेशन की कंडीशन को इंप्रूव करते हैं नमस्ते माय विचार से मैं डॉक्टर फैजान नॉर्मल टाइमिंग कितनी होती है और प्रीमेच्योर एजैकुलेशन किसे कहते हैं डबल एओ के अनुसार हम समझते हैं ओ कहता है
शीघ्रपतन ( वीर्य जल्दी निकल जाना ) के इलाज के 3 आसान उपाय | Sex time बढ़ाने के उपाय
अगर आप अपने पार्टनर को सेटिस्फाई करने से पहले ही यानी उसके योनि में प्रवेश करने से पहले ही इजैकुलेट कर देते हैं तो इसे प्रीमेच्योर एजैकुलेशन कहते हैं ऐसे ही डूओ ने टाइमिंग भी बताई है कि अगर आप योनि में प्रवेश करने के 1 मिनट से पहले ही इजैकुलेट कर देते हैं तो इसे प्रीमेच्योर एजैकुलेशन में काउंट किया जाता है ओ नॉर्मल एजैकुलेशन का टाइमिंग भी बताता है कि कम से कम 4 मिनट तो पेनिट्रेशन का टाइमिंग होना ही चाहिए ऐसे ही कुछ डेफिनेशन और भी हैं जो टाइमिंग तो नहीं बताती हैं लेकिन कहती है अगर आप अपने पार्टनर को सेटिस्फाई करने से पहले ही इजैकुलेट कर देते हैं और ऐसा आप कम से कम 50 पर सेक्स के दौरान करते हैं तो यह प्रीमेच्योर एजैकुलेशन के अंदर आता है मैं आपके लिए प्रीमेच्योर एजैकुलेशन की डेफिनेशन थोड़ी आसान बना देता हूं जब से आपने सेक्स करना शुरू करा तब से अगर आपकी टाइमिंग वजाइना में एंटर करने के बाद 1 मिनट से कम रह रही है तो उसे प्राइमरी प्री एजैकुलेशन कहते हैं अगर आपकी टाइमिंग शुरू में बिल्कुल सही रही आप 5 मिनट 6 मिनट तक स्टैंड कर पा रहे थे लेकिन धीरे-धीरे वो टाइम कम होती चली गई और एकदम से आपकी टाइमिंग 3 मिनट से कम हो गई है तो उसे सेकेंडरी प्रीमेच्योर एजैकुलेशन कहते हैं तो इस जानकारी से आपको क्लियर हो जाएगा कि आपको पीई यानी प्रीमेच्योर एजैकुलेशन की प्रॉब्लम है या नहीं है अब बात करते हैं इस प्रॉब्लम के सलूशन के बारे में आप भी जानते हैं कि सेक्सुअल प्रॉब्लम में आयुर्वेद सबसे अच्छा काम करता है लेकिन आयुर्वेद के साथ प्रॉब्लम कभी-कभी तो आपको नखली मिलती हैं और कभी-कभी उनके अंदर एक्टिव इंग्रेडिएंट्स जो होते हैं वो प्रॉपर्टी मौजूद नहीं होते हैं तभी आप उन मेडिसिन को अगर खाते हो तो आपको रिजल्ट प्रॉपर नहीं आ पाते हैं इसलिए आज मैं आपको कुछ ऐसे रिसर्च बेस्ड हर्बल एक्सट्रैक्ट के बारे में बताऊंगा जिनकी स्टैंडर्डाइजेशन हो चुकी है और रिसर्च द्वारा प्रूवन है जो आपकी इस प्रॉब्लम में आपकी हेल्प करेंगे स्ट्रेस एक मेजर कारण होता है
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प्रीमेच्योर एजैकुलेशन का अश्वगंधा स्ट्रेस लेवल को कंट्रोल करता है अश्वगंधा के ऊपर हुई एक रिसर्च बताती है कि कि ऐसा अश्वगंधा जिसके अंदर 5 पर विननो इट्स मौजूद होते हैं अगर आप उसको 60 दिन तक एक रेगुलर डोसेज में कंज्यूम करते हैं तो ये आपकी स्ट्रेस और एंजाइटी लेवल को कंट्रोल करता है जिससे आपकी प्रीमेच्योर एजैकुलेशन की प्रॉब्लम कम होती है अगर आपका स्पर्म काउंट कम है तो इसके साथ प्रीमेच्योर एजैकुलेशन की प्रॉब्लम भी आपको हो रही होगी यहां शिलाजीत आपकी मदद कर सकता है एक स्टैंडर्ड शिलाजितवादी आप उसको 90 दिन तक रेगुलर एक सही डोज में कंज्यूम करते हैं तो आपके स्पर्म काउंट की क्वांटिटी भी बढ़ती है और प्रीमेच्योर इजेकुलेशन की प्रॉब्लम भी कम हो जाती है टेस्टोस्टरॉन हार्मोन का कम होना भी प्रीमेच्योर एजैकुलेशन कर सकता है गोक शूर के एक्सट्रैक्ट पर हुई एक रिसर्च बताती है कि अगर आप उसको एक स्टैंडर्ड डोज में 12 हफ्तों तक रेगुलर कंज्यूम करते हैं तो आपके टेस्टोस्टरॉन लेवल इंप्रूव होता है जिसकी वजह से आपकी प्रीमेच्योर एजैकुलेशन की प्रॉब्लम कम हो जाती है यह तीनों हर्ब्स और इसके अलावा और भी बहुत सारी हर्ब्स आयुर्वेद के अंदर बताई गई हैं जो प्रीमेच्योर इजेकुलेशन के लिए यूज की जाती हैं और जिनके ऊपर रिसर्च भी मौजूद है माइप चार ने उन सभी हर्ब्स को रिसर्च में बताए गए स्टैंडर्ड के हिसाब से ही लिया है और एपीआई गाइडलाइंस को फॉलो करके आपकी सेक्सुअल प्रॉब्लम के लिए बनाया है